चोट ( एक चोट जिसे कोई नहीं समझता )
चोट
जब दिल को कोई ठेस पहुचती हें|
तो मन में विचार मचलने लगते हें |
मन विचारो की कसमो क़स में घिर जाता हे |
ये विचार दिल को दुखी कर जाते हे |
इसके बाद जो आंसू टपकते हे |
वो अंशु नहीं एक अहेसासो का खाजाना हे |
जो दिल को झाझोर कर रख देता हें |
सोचने पर मजबूर कर देता हें|
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