खुवाब
( एक कविता उनके लिए जो अपने सपनो में अपने प्यार को देखते हें|
खुवाब
रात एक खुवाब देखा |
जिसमे फूल सा चेहरा तुम्हारा देखा|
चारो तरफ अँधेरा था |
जिमसे एक चाँद निकला था|
चाँद की रोशनी तुम्हारे चेहरे ने पाई|
अँधेरे की घेराई तुम्हारे बालो में समाई |
तुम धीरे से कुछ यू मुस्कुराई|
मेरे दिल में समाई|
मेने हाथ तुम्हारी तरफ बढाया |
तुम मेरे पास चली आई|
तुम मुझसे कुछ कहेना चाहती थी|
तुम वापस नहीं जाना चाहती थी|
तुम मेरे गले यू लगी |
मेरी आंखे बंद होने लगी|
पता नहीं एक रौशनी कहा से आई|
सुबह मुझे तुम्हारी बहुत याद आई|
एक सिराना मेरी बहो में था|
शायाद उसका अहशास ही तुम्हारा ख्याल था|
खुवाब ( एक कविता उनके लिए जो अपने सपनो में अपने प्यार को देखते हें >>>>> Download Now
ReplyDelete>>>>> Download Full
खुवाब ( एक कविता उनके लिए जो अपने सपनो में अपने प्यार को देखते हें >>>>> Download LINK
>>>>> Download Now
खुवाब ( एक कविता उनके लिए जो अपने सपनो में अपने प्यार को देखते हें >>>>> Download Full
>>>>> Download LINK