नाम
( एक कविता जब हम किसी छोटे बच्चे का नाम सोचते हें)
नाम
जब कोई खुबसूरत ख्याल मन में आता हें,
मन को वो भा जाता हें,
होठो पर मुस्कान बन जाता हें,
सारा प्यार उमड़ उसपर आता हें,
दिल उसे संजोकर रखना चाहता हें,
उसे बार बार धोहराना चाहता हें|
तब वो मन से दिल,
दिल से कलम,
कलम से कागज पर महेरबान हो जाता हें|
तब उसे कविता नाम दिया जाता हें,
तुम्हारा नाम भी कुछ येसा ही हें|
कवी की कविता ना होकर ,
हजारो अहसासों का खाजाना हें|
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